Sunday, June 26, 2011

तेल पर सरकार का असली खेल

तेल की कीमतों पर कांग्रेस और सरकार कब तक जनता को मुर्ख बनायेंगे ??

हर एक डिबेट में कांग्रेस के नेता तेल की कीमतों के बढ़ोतरी को जायज ठहराते है और सरकार को हो रहे नुकसान का रोना रोते है .. लेकिन सरकार और कांग्रेस कब तक जनता को मुर्ख समझेगी ?

आज कच्चे तेल की कीमत है 90 डॉलर प्रति बैरेल

यानि 25.50 रूपये प्रति लीटर
एक लीटर कच्चे तेल को रिफाइन करने का खर्च है .20 पैसे .
यानि सरकार को एक लीटर पेट्रोल की लगत आयी रूपये - 25.70

अब असली खेल यहाँ से शुरू होता है ..

सरकार कच्चे तेल पर 17 % इम्पोर्ट ड्यूटी लेती है . [केंद्र सरकार के खाते में जाता है ]
25.70 का 17 % = 30.06

13 % उत्पाद कर [एक्साइज ] [केंद्र सरकार के खाते में जाता है ]
30.06 + 13% = 34

पोर्ट टैक्स [ तेल के टेंकर से वसूला जाता है ] केन्द्र सरकार
१५०० डॉलर छोटे टेंकर से और २५००० डॉलर बड़े टेंकर से एक लीटर पर करीब ३ % होगा

34 + 3% = 35.02

8 % रिफाइनरी मार्जिन टैक्स [केंद्र सरकार के खाते में जाता है ]
35.02 +8% = 37.82

8% से 12.5 % तक वैट [ राज्य सरकार ]
37.82+ 12.5% = 42.54

4 % से 8 % तक एडुकेशनल सेस [ राज्य सरकार ]
42.54+8% = 46

यानि सरकार एक लीटर पेट्रोल से २० रूपये पचीस पैसे पहले ही कमा लेती है .

फिर भी आज पेट्रोल 68 रूपये में बिक रहा है ..

असल में भारत में जो सरकारी तेल कम्पनिया है उनमे बहुत ही भ्रष्टाचार है ..
भारत पेर्टोलियम, इंडियन आयल , हिंदुस्तान पेट्रोलियम . तथा ओएनजीसी में पुरे विश्व में प्रति लीटर मार्जिन : प्रति कर्मचारी खर्च [ सेलेरी ] का अनुपात बहुत जयादा है ..

हर तेल कंपनी का 58 % केवल कर्मचारियो पर ही खर्च है .

ओएनजीसी के पास 8 जेट जहाज तथा 26 हेलिकॉप्टर है .. जिनका उपयोग मंत्री और नेता ही करते है .. एक आर टी आई से पता चला की जब आर पी एन सिंह पेट्रोलियम राज्य मंत्री थे तो उन्होंने सिर्फ १ साल में ही 37 बार ओएनजीसी के प्लेन से दिल्ली से अपने छेत्र पडरौना की यात्रा की .

आखिर कांग्रेस तेल के पीछे का असली खेल जनता को क्यों नहीं बताती

2 comments:

Unknown said...

बहुत अच्छा...मैं इस सामग्री को और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए पुनर्प्रकाशन कर रहा हूं।

Anonymous said...

Is it so?