Saturday, June 25, 2011

एक और निगामानंद, क्या देश इसे बचा पायेगा?



आज जहा भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ अन्ना हजारे और अन्य कई लोग सरकार से लोहा ले रहे हैं वहीँ एक शिक्षक ऐसा भी है जो महंगाई व भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले कई दिनों से अनसन पर है राजकोट तहसील के मालिया में रहने वाले बुजुर्ग शिक्षक उमरुद्दीन भाई खमिशाभाई संध्वानी का मानना है कि आखिर कब ये सरकार जागेगी |उमरुद्दीन भाई खमिशाभाई संध्वानी ने अपना अनसन काजरडा गाँव में जारी रखा है | उनका तो यही मानना है कि इस भ्रष्ट सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए |

बुजुर्ग शिक्षक उमरुद्दीन भाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनसन पर बैठने के लिए 3 जून को मंजूरी मांगी थी और 10 जून से अनसन शुरू किया ,20 तारीख के दिन उनकी तबियत ख़राब हुई उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था मगर फिर भी अनसन का आन्दोलन जारी रखा |कहते हैं गुरु दीप सामान होता है जो जल कर औरों को प्रकाश देता है वह बात गलत नहीं है आज भी एक बुजुर्ग शिक्षक पिछले कई दिनों से अनशन रूपी दीप में जलकर इस समाज को भ्रष्टाचार और महंगाई से मुक्त प्रकाश देना चाह रहा है | डर है तो इस बात का कि कहीं ये दीप भी निगमानंद कि तरह बुझ न जाए |

ऐसे में सवाल तो उठते है कि यह सरकार देश की जनता के साथ न्याय करेगी? या फिर और किसी बुजुर्ग हड़ताल या अनशन करना पड़ेगा ? या इस जन तंत्र की लड़ाई में वह भी नीव का पत्थर बन इस दुनिया से बिना न्याय मिले ही रुखसत हो जायेगा ? देश में बढती महंगाई, पेट्रोल डीजल व इंधन के दामों में दिन बा दिन बढोतरी से ग़रीबों को मुक्ति मिल पायेगी ? और भी ऐसे कई सवाल हैं जो रोज नए नए अनशन कारियों को अनशन करने पर मजबूर करते हैं क्या ये भ्रष्ट सरकार अपने इस रवैय्ये से कभी बाज़ आयेगी ? या फिर अन्ना , बाबा रामदेव , और उमरुद्दीन भाई जैसे लोगों को नए सिरे से क्रांति की शुरुआत करनी होगी ?

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