Monday, June 20, 2011

हमारा प्रधानमंत्री हरामखोर है


हमारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हरामखोर है हरामखोर प्रधानमंत्री तुझे शर्म नहीं आती है तुम पर, आक थू थू

आप किसी भी घोटाले के बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछो उसका यही जबाब होगा-”मैंने कुछ नहीं किया है”. आप महंगाई के बारे में पुच्छो यही जबाब आएगा- “मैंने कुछ नहीं किया है”|

तो हरामखोर तुझे कुछ नहीं करने के लिए वेतन देते है क्या? हम टैक्स देनेवालो के पैसे तू हरामखोरी के लिय लेता है क्या?

कुछ तो कर हरमखोर मनमोहन सिंह, कम से कम जो लूट रहे हैं उनको रोक नहीं सकता तो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दे, इसके लिए तो कोई बंधन नहीं है ना. या फेविकोल का जोड़ है. इस्तीफ़ा बनाना नहीं आता तो हमे बोल हम बना देंगे तू सिर्फ साईन कर दियो, रास्त्पती जी को भी हम दियांगे.

सभी आदमी की ये इच्छा होती है-”यदि मैं प्रधानमंत्री बनूँगा तो मैं ये सुधार करूंगा, वो सुधार करूंगा”, लेकिन मनमोहन सिंह तुने क्या किया? आप तो बंधुआ मजदूर सॉरी पालतू कुत्ते बनकर रह गए हैं इतालियन निवास्नी अन्तोनिया उर्फ़ (सोनिया) गाँधी के.

तू खुद ही सोच, तेरा जमीर मर गया, या था ही नहीं? तू सिख है भी या यु ही पगड़ी पहनता है, क्योंकी तू कुछ भी हो सकता है सिख नहीं हो सकता. तेरा कोई अपना सपना नहीं है क्या? या तू भी घोटाले में सामिल है इसलिए चुप हैं| UPA 1 में तो लेफ्ट वाले बहाना थे, इसमें तो कोई बहाना नहीं है| तेरी मर्दांगनी को क्या हो गया या तू मर्द ही नहीं है. डूब मर जाके चुलू भर पानी में हरामखोर कही का.