नुक्कड़ पर माहौल संजीदा था कई दिनो से फ़जीहत झेल रहे भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने आज बातचीत का पूरा सिरा हाथो मे थामा हुआ था और कहानी सुना रहे थे अब्राहम लिंकन की --- " एक दिन अमेरिका के राष्ट्रपती लिंकन अपने जूते साफ़ कर रहे थे कि एक मेहमान ने आश्चर्य से पूछ लिया अरे आप अपने जूते साफ़ करते हैं लिंकन मुस्कुराकर बोले हां फ़िर मेहमान से पूछ लिया आप किसके जूते साफ़ करते हैं " । इतना सुनते ही नुक्कड़ मे जमा सभी खुश हो गये । शर्मा जी ने गर्व से मेरी ओर देखा मानो कह रहे हों दवे जी आज आप मामला बिगाड़ न पाओगे । मैने मुस्कुराकर कहा शर्मा जी बात तो ठीक कहते हो आप पर ये बताओ मनमोहन किसका जूता साफ़ करते हैं अपना कि मम्मी का । मेरा इतना कहना न था कि शर्मा जी भड़क गये बोले दवे जी पद की गरिमा होती है मीडीया तक सम्मान करती है मनमोहन के दफ़्तर से जो प्रश्न आते हैं वही पूछे जाते है और आपकी ये हिम्मत नुक्कड़ मे ऐसी बात शर्म नही आई आपको । मैने कहा भाई शर्मा जी गरिमा जी को मैने अपने मोहल्ले मे आखिरी बार दस साल पहले देखा था और अगर वे मुझे एक बार भी देख लेती तो कसम से तुमको मामा कहते दो बच्चे अभी मेरी गोद मे होते । पर आजकल राजनीती मे गरिमा दिखाई नही पड़ती है नेता मंत्री कभी चरणो लोट जाते हैं कभी डंडा हिलाते हैं ।
और अब तो हद ही हो गयी आंखे दिखा रहे हैं आंदोलन को असंवैधानिक बता रहे हैं । शर्मा जी मामा वाली बात से तिलमिलाये हुये थे गरिमा उनके बचपन के अघोषित प्यार का नाम था । अघोषित मामले मे लड़ते कैसे बात बाबा की सेना की ओर मोड़ दी बोले सेना बनाना देश द्रोह नही है क्या बाबा की हिम्मत कैसे हुयी सेना बनाने की बात करने की । मैने पूछा भाई शर्मा जी इस देश मे सत्याग्रह क्या बिना सेना बनाये हो सकता है अब सत्याग्रह करना हो तो पहले चारो तरफ़ सैनिक लगाओ सुरक्षा तंत्र बनाओ कि ये न हो की बूढ़ो बच्चो महिलाओ को आपकी पुलिस आधी रात को पीटने लगे । बाबा बिचारा करे क्या गैर बीजेपी राज्यो मे घुसने पर रोक है और बीजेपी शासित राज्यो मे भूखा मरे अनशन करे तो आप पल्ला झाड़ लेते हो कि भगवान राम जाने या बीजेपी । और तो और हद ही हो गयी बोलते हो बाबा ठग है अरे भाई ठग है तो गिरफ़्तार करो । सत्ताधारी दल हो सीबीआई द्वार पर बंधी रहती है शर्मा जी बाज आ जाओ कुतर्क न करो वरना जनता पीटेगी । बेचारे शर्मा जी छॊटॆ नेता न लाल बत्ती न एसपीजी कमांडॊ सहम गये और बात को उन्होने मजबूरियों की ओर घुमाया । भाई हमारे पास जादू की छड़ी थोड़े ही है कि घुमाये और कालाधन वापस आ गया " हमसे कोई पैसा वापस नही ले सकता " की गांरंटी वाले बैंको मे जमा है । समय तो लगेगा यह थोड़ी की बाबा भूखे बैठे हैं तो सात दिन मे वापस ले के आना ही होगा । वो तो अच्छा ही हुआ कि हमने बाबा को हटा दिया इतना योगी बना फ़िरता है आठ दिन मे टैं बोलने वाला था। अन्ना हजारे का तो बिना योगा किये 13 दिन भूखे प्यासे का रिकार्ड है ये तो शहद लिंबू चाट कर भी टिक न सका । मैने बीच मे टोका शर्मा जी दूसरे की लाईन छोटी करने से आपकी बड़ी न होगी मुद्दे को भटकाना आप लोगों की पुरानी चाल है । आज देश इस संक्रमण काल मे आपकी ओर देख रहा है लोग मूर्ख नही हैं आप गंभीरता से कदम उठाओगे लोगो को विश्वास मे लोगे तो सभी आपसे सहमत होंगे । यह ठीक है कि आप की क्रुपा से भारत की अस्सी प्रतिशत जनता गरीब है अनपढ़ है उसके पास पेट पालने के संघर्ष के अलावा किसी और संघर्ष के लिये न समय है न जानकारी है पर यह बहुत दिन चलने वाला नही है । जनता जागरूक हो रही है कोई कमप्यूटर से कोई टीवी अखबार से और अब इन बाबाओ के द्वारा । जिस दिन जनता जाग जायेगी ऐसी धुलाई होगी कि मर्यादा और गरिमा सब याद आ जायेगा ।
फ़िर गरिमा शब्द सुनते ही बाजू खड़े आसिफ़ भाई ठठा कर हस पड़े क्यो शर्मा जी के पुराने जख्मो को कुरेद रहा है भाई । याद नही बचपन के प्यार गरिमा की शादी के बाद शर्मा जी कैसे घूमते थे प्यासा के गुरूदत्त की तरह । आसिफ़ भाई का इतना कहना था कि बस शर्मा जी ने डंडा हाथ मे लिया और आसिफ़ भाई और मुझे नुक्कड़ छॊड़ भागना पड़ गया ।
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